भक्त आक्रोशित : 2 साल से गर्भ गृह में वीवीआईपी को प्रवेश, आमजन प्रतिबंध, गर्भगृह में प्रवेश को लेकर फिर उठे सवाल क्या केवल वीवीआईपी के महाकाल?

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ब्रह्मास्त्र उज्जैन

श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के आगे श्री महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन को लेकर उज्जैन-आलोट क्षेत्र के सांसद अनिल फिरोजिया ने गर्भगृह से दर्शन की मांग रखी तो मुख्यमंत्री ने जूना महाकाल दर्शन का सुझाव रख दिया। व्यवस्था में भेद के बीच बयानों में मतभेद की स्थिति सामने आई है।

इसी बीच मंगलवार सुबह वीवीआईपी श्रद्धालु ने मंदिर की व्यवस्था को सराहा और जल चढ़ाने की व्यवस्था पर बयान दिया था उसे लेकर आम श्रद्धालुओं का कहना है कि यह सिर्फ वीवीआईपी के लिए है आम श्रद्धालु तो जल के पात्र तक पहुंचना ही नामुमकिन सा है। श्री महाकालेश्वर मंदिर में दर्शनों को लेकर एक बार फिर से व्यवस्था से गर्भगृह में प्रवेश की मांग प्रबल हो रही है। अबकी बार यह मांग किसी सामान्य श्रद्धालु एवं आम आदमी ने नहीं बल्कि सांसद अनिल फिरोजिया की और से उठी है। उन्होंने अपनी माताजी का उदाहरण देते हुए भगवान को जल अर्पण करने एवं स्थानीय वरिष्ठ नागरिकों की पीड़ा को व्यक्त किया है। गर्भगृह की सांसद की मांग को शहर भर में तवज्जो मिल रही है और लोगों का कहना है कि स्थानीय लोगों के लिए मंदिर प्रबंधन भले ही प्री बुकिंग पर गर्भगृह खोले या प्रति दिन दो घंटे के समय में हमें गर्भगृह से दर्शन की सुविधा दे उसे इसके प्रयास करना ही चाहिए। स्थानीय नागरिकों एवं श्रद्धालुओं के त्याग और समर्पण को दरकिनार न किया जाना चाहिए।

उज्जैन जिले के लोग महाकाल से दूर हो गए
सांसद फिरोजिया- उज्जैन में दिशा समिति की बैठक के दौरान आलोट सांसद अनिल फिरोजिया ने श्री महाकालेश्वर मंदिर की दर्शन और जलाभिषेक व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए। सांसद ने मीडिया से चर्चा में कहा था कि कलेक्टर को बोला है कि दो घंटा कम से कम वो गर्भगृह खोलें। क्योंकि ये महामृत्युंजय है और महाकाल को जल चढ़ना आवश्यक है। अभी कुछ ही लोग आते हैं विशेष, वही चढ़ाते हैं जिससे जो 60-70 साल से रेगुलर जल चढ़ाने वाले हैं, वो बड़ी बद्दुआएं दे रहे हैं, तो हमको बद्दुआएं नहीं लेना है। कुछ ऐसी व्यवस्था करें, कुछ स्लॉट बुक करें कि दो घंटे सुगमता से जनता जनार्दन राजा हो या रंक भगवान के लिए तो सब बराबर है वो आके जल चढ़ाएं। मुझे आश्वासन दिया है कि हम इसका पहले कैलकुलेशन कर लें। ये मैंने कहा कैलकुलेशन करो पर दो घंटे आपको ये करना पड़ेगा। हां, तीज-त्योहार है या छुट्टी का दिन है, ज्यादा लोड है उस दिन आप गर्भगृह सूचना देके बंद कर दो कि अंदर दर्शन नहीं होंगे लेकिन बाकी दिनों में जो है, दो घंटे जल चढ़ाने की अनुमति देना चाहिए। बाद में सांसद ने एक अन्य मीडिया को अपने बयान में कहा था कि महाकाल लोक बनने के बाद 8 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं की संख्या यहां आ रही है पर देखने में आ रहा है कि उज्जैन जिले के लोग महाकाल से दूर हो गए हैं। उन्होंने कहा कि पहले स्थानीय श्रद्धालु आसानी से गर्भगृह में जाकर भगवान महाकाल को जल चढ़ा पाते थे, लेकिन वर्तमान व्यवस्था में आम भक्त, बुजुर्ग और असहाय श्रद्धालु इससे वंचित हो रहे हैं। सांसद ने अपनी 85 वर्षीय मां का उदाहरण देते हुए कहा कि वर्षों तक हर सोमवार जल चढ़ाने वाली उनकी मां आज बाहर से ही जल सौंपकर लौटने को मजबूर हैं। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि प्रतिदिन कम से कम दो घंटे का समय ऐसा तय किया जाए, जिसमें सामान्य श्रद्धालु भी स्वयं गर्भगृह में जाकर जल चढ़ा सकें।

जूना महाकाल में दो घंटे क्या दिन भर पूजा करो
मुख्यमंत्री हाल ही में उज्जैन आए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दर्शन की मांग के बीच अपनी बात रखते हुए सुझाव देते हुए जूना महाकाल के महत्व को बताया था। मंच पर बैठे सांसद अनिल फिरोजिया की और रूख करते हुए उन्होंने कहा था कि लोग कम जानते हैं, बाबा महाकाल के पास एक और महाकाल हैं, जिनको ‘जूना महाकाल’ कहते हैं। आपकी इच्छा हो, दो घंटे क्या दिन भर, जब मर्जी आए अपनी पूजा करो। भगवान का भजन करो, अपना सारा पंचामृत करो, कौन रोक रहा है? असली में तो जूना महाकाल ही हैं। अरे सोने में ‘जूना सोने’ का जो मजा है, वो नए का कहां होता है? यह हमारे लिए आनंद है। केवल एहसास करने की देर है। हमारे लिए परमात्मा की कृपा है। लोगों ने दोनों महाकाल नहीं देखे, तो नहीं देखे होंगे। हमने तो देखे हैं, हमको कौन रोक रहा है।

अभिनेत्री के बयान पर श्रद्धालुओं का कटाक्ष
मंगलवार को सुबह मंदिर में वीवीआईपी दर्शन करने और समिति की ओर से सम्मान हासिल करने के बाद अनिभेत्री नुसरत भरूचा ने व्यवस्था को लेकर अपना बयान जारी किया। उसमें उन्होंने कहा कि जय श्री महाकाल। मैं दूसरी बार आई हूं और ये न्यू ईयर का टाइम है, और फिर भी दर्शन करने पहुंची हूं और सबने बहुत ही प्यार से और बहुत ही संभाल के… नॉट जस्ट (न केवल) मुझे, बट (बल्कि) जितने भी भक्त आए आज, क्योंकि न्यू ईयर का टाइम है, इतनी भीड़ है, इतने लोग श्रद्धा से आते हैं। साल खत्म हो रहा है, नया साल शुरू करने जा रहे हैं, और सब बस आशीर्वाद लेने आते हैं। इन्होंने इतने अच्छे से पूरी अरेंजमेंट (व्यवस्था) की है, सबको लेके आए हैं। बहुत प्यार से सबका दर्शन हुआ है। मुझे एक चीज बहुत अच्छी लगी कि अगर आपको जल चढ़ाना है और आपको आगे जाने नहीं मिलता, तो इनका अलग एक जगह है, जहां जल चढ़ा सकते हैं, जितने भी श्रद्धालु हैं और वो जल एकदम डायरेक्टली (सीधे) वो पाइप से सीधा दर्शन के वहां ही चढ़ता है। मतलब महाकाल को ही चढ़ता है। मुझे बहुत अच्छा लगा कि ये जो छोटी चीजें सोच के लोग करते हैं। मतलब रियली गाइस, मैं दिल से दूसरी बार आई हूं। मेरा मन करता है बस अब आती रहूं हर साल। जय महाकाल। जैसे ही यह वीडियो सार्वजनिक हुआ कई श्रद्धालुओं ने अपनी प्रतिक्रिया शुरू कर दी। शहडोल से आए श्रद्धालु दिलीप घोपरकर का कहना था कि आम श्रद्धालु को तो जल चढ़ाने के पात्र तक पहुंचना ही नामुमकिन है यह व्यवस्था वीवीआईपी के लिए ही है। हाथी के दांत खाने और दिखाने के अलग-अलग हैं। इसी तरह शहर में भी इसे लेकर श्रद्धालुओं की कड़ी विरोधात्मक प्रतिक्रिया रही है।
नित्य श्रद्धालुओं की व्यवस्था बदली, धरना दिया
अवंतिका द्वार से नित्य प्रवेश की व्यवस्था को बदलने से नाराज नित्य दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं ने मंगलवार सुबह मंदिर परिसर में जमकर नारेबाजी की है। बाद में मंदिर समिति ने व्यवस्था पूर्ववत की तब जाकर श्रद्धालु शांत हुए और दर्शन करने गए। सुबह पहुंचे स्थानीय श्रद्धालुओं को द्वार बंद होने एवं त्रिेवेणी मार्ग से आने के लिए कहा गया था जिस पर श्रद्धालु आक्रोशित हो गए और उन्होंने गेट पर धरना दे दिया। नित्य दर्शनार्थी भक्त मंडल अध्यक्ष रवि राय ने बताया कि महाकाल मंदिर में बार बार नए प्रयोग, नित्य दर्शनार्थियों को परेशान कर रहे हैं। विगत दिनों ही कई दर्शनार्थियों के नाम काट दिए गए थे, जिसे लेकर प्रशासन के समक्ष आपत्ति दर्ज कराई थी। अब अवंतिका द्वार से प्रवेश की बजाय नित्य दर्शनार्थियों को चार धाम मंदिर से लाइन में लगने के आदेश निकाल दिए गए। जिसके विरोध में धरना प्रदर्शन किया गया। उपाध्यक्ष महेंद्र कटियार ने बताया कि लगभग 1 घंटे तक भक्त और भगवान की जय हो- महाकाल महाराज की जय- हो के जयकारें के साथ, मंदिर प्रशासन होंशियार के नारों के साथ भक्ति लोक में धरना दिया। अधिकारियों द्वारा पुन: गेट चालू करने पर ही धरना समाप्त हुआ।

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